Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

नरक से निकाला ‘ऋषि प्रसाद’ ने

पूज्य बापूजी की शरण में आने से पूर्व मेरा जीवन नारकीय था । मैं पूरी रात शराब पीता और सुबह 5 बजे सोने जाता, ऐसे कुसंग के कीचड़ में लथपथ था ।

एक रात एक सेवादार ने मुझे मेरे कार्यालय में ऋषि प्रसादलाकर दी । मैं शराब पीते-पीते ही उसे पढ़ने लगा । ऋषि प्रसादपढ़ने से धीरे-धीरे मेरे विचार बदलने लगे । मैं पूज्यश्री का साहित्य पढ़ता, सत्संग देखता । पूज्य बापूजी की मधुर, हितकर अमृतवाणी व उनका अलौकिक तेजस्वी आभामंडल मुझे अपनी ओर दिनोंदिन खींचने लगा ।

मैंने पूज्य बापूजी से गुरुमंत्र की दीक्षा ले ली । उस दिन से तो मेरा कायाकल्प ही हो गया । सारी गंदी आदतें छूट गयीं और जीवन ईमानदारी, सच्चरित्रता जैसे सद्गुणों से भर गया । जिस कमरे में शराब पीता था, उसी कमरे को गंगाजल से शुद्ध करके मैंने उसमें 40 दिन का अनुष्ठान किया । मेरा छोटा-सा व्यवसाय अब बापूजी की कृपा से पहले से बहुत अच्छा चल रहा है ।

ऋषि प्रसादकी सेवा करके बापूजी के करकमलों से प्रसाद पाऊँगा और बापूजी से रू-बरू मिलने का अवसर भी प्राप्त कर लूँगा - यह लालच मन में रखकर ऋषि प्रसादकी सेवा शुरू कर दी । परंतु गुरु-दर्शन की लालसा और इस सेवा ने मुझे परमात्म-शांति की ओर मोड़ दिया । आज मैं केवल आत्मशांति के लिए ही सेवा कर रहा हूँ । जब भी प्रमादवश सेवा से मुँह मोड़ता हूँ तो अंतरात्मा में बापूजी की डाँट मिलती है और अशांति हो जाती है ।

समयाभाव के कारण अभी मैं घर-घर जाकर सदस्य नहीं बना पाता हूँ, अतः विद्यालय के विद्यार्थियों को उपहारस्वरूप निःशुल्क सदस्य बनवाकर ही सेवा करता हूँ । मुझे बहुत ही प्रसन्नता है कि सेवा के माध्यम से मेरे धन का सदुपयोग हो रहा है । मैंने वर्ष 2012 में घर-घर अलख जगाओअभियान के अंतर्गत कुल 11,025 सदस्य बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया ।

ऋषि प्रसादने करोड़ों परिवारों तक सुखी, स्वस्थ, सम्मानित व प्रभु-प्रेम से परिपूर्ण दिव्य जीवन जीने के बापूजी के संदेश व कुंजियाँ पहुँचायी हैं । इस पत्रिका ने भारतीय संस्कृति के विरुद्ध चल रहे षड्यंत्रों का भी पर्दाफाश किया है । बापूजी से प्रार्थना है कि जब तक यह जीवन रहे, इसी प्रकार से यह सेवा करने का सौभाग्य मुझे मिलता रहे ।

परमात्मस्वरूप पूज्य बापूजी को मेरे कोटि-कोटि नमन !     

- उमेश शशिकांत कोठारी, कांदीवली (प.), मुंबई, मो. : 9867973147