Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

सर्वगुणों की खान : तुलसी

तुलसी पूजन दिवस : 25 दिसम्बर

तुलसी एक दिव्य औषधि तो है ही परंतु इससे भी बढ़कर यह भारतीय धर्म-संस्कृति में प्रत्येक घर की शोभा, संस्कार, पवित्रता तथा धार्मिकता का अनिवार्य प्रतीक भी है ।

गरुड़ पुराण में आता है कि तुलसी का पौधा लगाने, पालन करने, सींचने तथा उसका ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्वजन्मार्जित पाप जलकर विनष्ट हो जाते हैं ।       

पद्म पुराण के अनुसार जो तुलसी के पूजन आदि का दूसरों को उपदेश देता और स्वयं भी आचरण करता है, वह भगवान श्री लक्ष्मीपति के परम धाम को प्राप्त होता है ।

अनेक गुण, अनेक नाम

वेदों, पुराणों और औषधि-विज्ञान के ग्रंथों में तुलसी के गुणों के आधार पर उसे विभिन्न नाम दिये गये हैं, जैसे - काया को स्थिर रखने से कायस्था’, तीव्र प्रभावी होने से तीव्रा’, देव-गुणों का वास होने से देवदुंदुभि’, रोगरूपी दैत्यों की नाशक होने से दैत्यघ्नि’, मन, वाणी व कर्म से पवित्रतादायी होने से पावनी’, इसके पत्ते पूत (पवित्र) करनेवाले होने से पूतपत्री’, सबको आसानी से मिलने से सरला’, रस (लार) ग्रंथियों को सचेतन करनेवाली होने से सुरसाआदि ।

रोगों से रक्षा हेतु कवच : तुलसी-मंजरी

तुलसी की मंजरी को भिगोकर शरीर पर छींटना रोगों से रक्षा के लिए कवच का काम करता है । इसके बीजों में पीले-हरे रंग का उड़नशील तेल होता है, जो त्वचा द्वारा शरीर में प्रविष्ट होकर विभिन्न रोगों से रक्षा करता है ।

पूज्यश्री के श्रीमुख से तुलसी-महिमा

पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है कि ‘‘तुलसी-पत्ते पीसकर उसका उबटन बनायें और शरीर पर मलें तो मिर्गी की बीमारी में फायदा होता है । किसीको नींद नहीं आती हो तो 51 तुलसी-पत्ते उसके तकिये के नीचे चुपचाप रख देवें, नींद आने लगेगी ।

करें तुलसी-माला धारण : तुलसी की कंठी धारण करनेमात्र से कितनी सारी बीमारियों में लाभ होता है, जीवन में ओज-तेज बना रहता है, रोगप्रतिकारक शक्ति सुदृढ़ रहती है । पौराणिक कथाओं में आता है कि तुलसी-माला धारण करके किया हुआ सत्कर्म अनंत गुना फल देता है ।

अभी विज्ञानी आविष्कार भी इस बात को स्पष्ट करने में सफल हुए हैं कि तुलसी में विद्युत-तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत-तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है । जैसे वैज्ञानिक कहते हैं कि तुलसी का इतना सेवन करने से कैंसर नहीं होता लेकिन हम लोगों ने केवल कैंसर मिटाने के लिए तुलसी नहीं चुनी है । हम लोगों का नजरिया केवल रोग मिटाना नहीं है बल्कि मन प्रसन्न करना है, जन्म-मरण का रोग मिटाकर जीते-जी भगवद्रस जगाना है ।’’

सम्पूर्ण विश्व-मानव तुलसी की महिमा को जाने और इसका शारीरिक, मानसिक, दैविक और आध्यात्मिक लाभ ले इस हेतु

           सबका मंगल, सबका भला चाहनेवाले पूज्य बापूजी ने 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनाने की सुंदर सौगात समाज को दी है । विश्वभर में अब यह दिवस व्यापक स्तर पर मनाया जाने लगा है ।

आप भी तुलसी पूजन दिवसमनाकर परमात्मा की इस अनुपम कृति का लाभ उठायें व औरों तक इसकी महिमा पहुँचायें । तुलसी पूजन दिवस मनाने की विधि तथा अन्य जानकारी हेतु पढ़ें आश्रम की पुस्तक तुलसी रहस्य