शरद ऋतु में स्वाभाविक रूप से प्रकुपित पित्त के शमनार्थ प्रकृति में मधुर व शीतल फल परिपक्व होने लगते हैं । फलों में शरीर के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक जीवनसत्त्व (विटामिन्स) व खनिज द्रव्यों के साथ रोगनिवारक औषधि-तत्त्व भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं ।
सेवफल का शरबत - एक पौष्टिक पेय
लाभ : यह स्वादिष्ट, शक्तिवर्धक और सुपाच्य है । इसे सभी उम्र के लोग वर्षभर ले सकते हैं । यह हृदय को बल देता है, शरीर को पुष्ट व सुडौल बनाता है । वीर्य की वृद्धि करता है । अतिसार और उलटी में तुरंत लाभ करता है । दिमाग की कमजोरी व अवसाद (डिप्रेशन) को दूर कर उसे तरोताजा रखता है । महिलाओं के लिए, विशेषकर गर्भवती महिलाओं और एक साल से बड़ी उम्रवाले बच्चों के लिए बहुत गुणकारी है ।
घटक : सेवफल का ताजा रस एक लीटर और मिश्री ६५० ग्राम ।
विधि : सेवफल के रस में मिश्री मिलाकर एक तार की पक्की चाशनी बना लें । ठंडा करके काँच की शीशी में भरकर रखें ।
इस शरबत का १०-१२ दिन के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए ।
मात्रा : सुबह-शाम २५-५० ग्राम शरबत पानी में मिलाकर लें ।