Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

प्राणिमात्र के सुहृद, निष्पाप महापुरुष हैं बापूजी

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू न केवल सनातन धर्म के अपितु सम्पूर्ण विश्व के सबसे देदीप्यमान सूर्य, शास्त्रों के सम्पूर्ण ज्ञाता, आध्यात्मिक शक्तियों से सुसम्पन्न, कुंडलिनी योग के अनुभवनिष्ठ संत, प्राणिमात्र के सुहृद, जन-जन में आत्मसुख-आत्मशांति का रस भरनेवाले, भगवत्प्राप्त, भगवत्स्वरूप निष्पाप महापुरुष हैं, ब्रह्मवेत्ता संत हैं । उन्होंने मनुष्यों में तो क्या वृक्षों में भी अपनी आध्यात्मिक चेतना के द्वारा प्राण फूँक दिये हैं, वृक्षों को भी मनोकामना पूर्ण करनेवाला सिद्ध बना दिया है । कलियुग के प्रचंड ताप से मुरझायी मानवता पर आध्यात्मिक अमृत की बौछार कर पूज्यश्री ने उसमें नवजीवन का संचार किया है ।

करुणा के वशीभूत होकर भारतभूमि को अपने माधुर्य, अपनी शक्ति, अपने सामर्थ्य, अपनी भक्तवत्सलता से कृतार्थ करने के लिए पूज्य बापूजी का धरा पर अवतरण हुआ है । आज घोर कलियुग में ऐसे संत धरा पर आये हैं, यह वास्तव में हमारे पुण्यों की पराकाष्ठा है । परंतु उन्हें न पहचानकर और उनके द्वारा तथा उनसे प्रेरणा पाये हुए उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए तन-मन-धन से किये सेवाकार्य को अनदेखा कर एक मनगढ़ंत आरोप को अहमियत देते हुए उन्हें कारावास में रखा जाना घोर निंदनीय है । मैं एवं अमेरिका में रहनेवाले सभी सनातन धर्मावलम्बी इसकी कठोरतम शब्दों में भर्त्सना करते हैं ।

कानून के नाम पर भारत की आज की जनता तथा आनेवाली पीढ़ियों को बापूजी से दूर करने का यह षड्यंत्र किया गया है, उसके लिए इतिहास में षड्यंत्रकारियों के नाम काले अक्षरों में लिखे जायेंगे ।

पूज्य बापूजी के केस में पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा किये गये अनुचित तथा गैरकानूनी कृत्यों से जुड़े तथ्य अब सामने आ रहे हैं । पूज्य बापूजी को क्षमायाचना सहित अविलम्ब रिहा करने की माँग देश-विदेश के करोड़ों पीड़ित हिन्दुओं एवं देशप्रेमियों की पुकार है । भारत के राष्ट्रपति तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए संतश्री को रिहा करें तथा दोषियों को दंडित करें ।

- श्री राजेश नंदवानी, कैलिफोर्निया (यू.एस.ए.)

REF: ISSUE352-APRIL-2023